Haryanvi Chutkule

Saturday, June 1, 2013 ·

एक बार रलदु बस मे खिड़की आली शीट पे बेठ्या था त बस की छात प त एक छोरा रुक्के मारे : ओ रे रामफल...? और यो सुनते ए रलदु अपनी नाड़ शीशे त बाहर काड क उरेन परेन देखन लागया,,,, इतने मे छात पे बेठे छोरे ने रलदु के सिर पे थप्पड़ दिया..... थप्पड़ लागते ए रलदु ने अपनी नाड़ बित्तर कर ली....

ईसा दो तीन बार होया अक छात पे बेठे छोरे ने रुक्का मारया आर जब भी रलदु ने नाड़ बाहर काड़ी उसके थप्पड़ पड्या....

रलदु के पीछे भरतू यो सब तमाशा देखन लाग रया था... उसने रलदु त काही के बात है जब भी बाहर त रुक्का आवा तो अपनी चोंच सी बाहर काडे तेरा वो बाहर आला मानस एक थप्पड़ मारे.... अर तू थप्पड़ खा के फेर भित्तर कर ले है॥??

रलदु बोलया : मारे जावेगा मै के रामफल सु मै त उसने फददु बनाऊ सु...

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